कोरोना महामारी में, गुजरात में प्रणाली की घोर लापरवाही के कई मामले सामने आए हैं, जिनके बारे में आपने आज तक सुना होगा। आज भी वलसाड सिविल अस्पताल की घोर लापरवाही का मामला प्रकाश में आया है। वलसाड सिविल अस्पताल की व्यवस्था ने मरीज को 5 दिनों तक बिना किसी परीक्षण के कोरोना वार्ड में रखा। मरीज के परिवार ने उसे 5 दिन बाद अस्पताल पहुंचाया।
परिवार ने अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए थे कि बिना रिपोर्ट के मरीज की मौत हो गई थी। तब परिवार ने पूरी घटना की सूचना पुलिस को दी। इतना ही नहीं, उसी अस्पताल पर रविवार को बिना ऑक्सीजन के एक मरीज की हत्या करने का भी आरोप है।
इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार, वलसाड सिविल में एक ही दिन में घोर लापरवाही की एक और घटना हुई है। वलसाड के एक मरीज को कोविद परीक्षण के बिना 5 दिनों के लिए कोविद वार्ड में रखा गया था। लेकिन जब सोमवार को उनकी मृत्यु हो गई, तो उनके परिवार ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। दंगा गियर में पुलिस ने शुक्रवार को रैली निकाली, जिसमें सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को ट्रक से हटाया गया।
परिजनों ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया कि सिविल की घोर लापरवाही के कारण मरीज की मौत हुई। पुलिस ने खुलासा किया कि मरीज को 5 दिनों तक बिना परीक्षण के कोविद के साथ रखा गया। दूसरी ओर, इस रिपोर्ट से मरने वाले परिवार में कोहराम मच गया। अंत में, परिवार के सदस्यों ने उसे इस तरह की लापरवाही के लिए दोषी ठहराया और इस तरह के फेक उपचार में क्यों मर जाते हैं। अस्पताल में बड़ी संख्या में परिवार के सदस्यों को इकट्ठा करने के लिए पुलिस की व्यवस्था की गई थी। परिजनों ने घटना की सूचना पुलिस को भी दी।